May 19, 2024

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पूर्व पीएम राजीव गांधी हत्याकांड के सभी दोषीयो को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के सभी दोषियों को जेल से रिहा करनेके सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दे दिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जेल में बंद बाकी दोषी- नलिनी श्रीहर, पी. रविचंद्रन, मुरुगन, संथन, जयकुमार और रॉबर्ट पयास रिहा कर दिए गए। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि अगर इन दोषियों पर कोई दूसरा मामला नहीं है, तो इन्हें रिहा कर दिया जाए.

राजीव गांधी हत्याकांड में ये सभी दोषी उम्रकैद की सजा काट रहे थे। इन दोषियों की पहले फांसी की सजा माफ की गई और अब उन्हें जेल से भी रिहा करने का आदेश दिया गया है।

तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदुर में 21 मई 1991 को राजीव गांधी की रैली थ। इसी रैली में उनकी हत्या कर दी गई थी। राजीव गांधी जैसे ही रैली वाली जगह पर आए, वैसे ही सुसाइड बॉम्बर बनी धनु उनके पास पहुंच गई वो उनके पैर छूने के लिए झुकी और जोर का धमाका हो गया। इस धमाके में राजीव गांधी समेत 18 लोगों की मौत हो गई।धनु के साथ ही इस षड़यंत्र में शामिल हरि बाबू की भी मौके पर ही मौत हो गई थी। हरि बाबू इस रैली में पत्रकार बनकर आया था। राजीव गांधी की हत्या के पीछे आतंकी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम यानी लिट्टे था। हत्या की साजिश रची लिट्टे के मुखिया वेलुपिल्लई प्रभाकरण, लिट्टे की खुफिया इकाई का मुखिया पोट्टू ओम्मान, महिला इकाई की मुखिया अकीला और शिवरासन।
इस साजिश को अमलीजामा शिवरासन ने ही पहनाया था। वो जनवरी 1991 में ही श्रीलंका से चेन्नई लौटा था बाद में उसी साल शिवरासन ने आत्महत्या कर ली थी।
मुरुगन लिट्टे का खुफिया भेदिया था, जो शिवरासन के लिए काम करता था. इसी ने नलिनी के परिवार को भर्ती किया था.
नलिनीः मुरुगन की पत्नी है। श्रीपेरंबुदुर तक हमलावर दस्ते के साथ रही थी. साल 2000 में मौत की सजा को बदल दिया गया था.संथनः हमलावर दस्ते का प्रमुख सदस्य था. श्रीपेरंबुदुर में कांग्रेस कार्यकर्ता बनकर छिपा रहा था. फरवरी 2014 में उसकी मौत की सजा को भी सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया.

जयकुमार और रॉबर्ट पयासः लिट्टे के अहम लड़ाके थे. इन्हें साजिश में मदद करने के लिए तमिलनाडु भेजा गया था. 2000 में मौत की सजा को बदल दिया गया था.

पी. रविचंद्रनः लिट्टे ने इसे ट्रेनिंग दी थी. साजिश में मदद करने के लिए भारत लौटा था. 1999 में मौत की सजा को बदल दिया गया था।

एजी पेरारिवलन, लिट्टे के लिए काम करता था. इसी ने बेल्ट बम के लिए बैटरी खरीदी थी. इसी साल मई में रिहा हो चुका है।

राजीव गांधी की हत्या के तीन दिन बाद ही इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई। फिर गिरफ्तारियों का सिलसिला शुरू हुआ।सबसे पहले नलिनी और मुरुगन गिरफ्तार हुए।
इस हत्याकांड में कुल 41 लोगों को आरोपी बनाया गया था।12 लोगों की मौत हो चुकी थी। तीन फरार हो गए थे. बाकी 26 आरोपी पकड़े गए थे. आरोपियों पर टाडा कानून के तहत मुकदमा चला। सात साल तक चली कानूनी कार्रवाई के बाद 28 जनवरी 1998 को टाडा कोर्ट का फैसला आया. अदालत ने सभी 26 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई.

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