नईदिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट मीटिंग में आज बुधवार को 5 अहम फैसले लिए गए। इनमें सबसे बड़ा फैसला यह है कि धान की फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य में 69 रुपये प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया है। इसके साथ ही अब किसानों को धान की फसल पर प्रति क्विंटल कम से कम 2,369 रुपये मिलेगा।
न्यूनतम समर्थन मूल्य वह दर होती है, जिससे कम पर किसी फसल की खरीद नहीं की जा सकती। दूसरा फैसला दालों की एमएसपी में बड़े इजाफे के तौर पर हुआ है। अब तूर दाल का न्यूनतम समर्थन मूल्य 450 रुपये बढ़ा दिया गया है। इस तरह एक क्विंटल तूर दाल पर किसान को कम से कम 8000 रुपये मिलेंगे।
इसके साथ ही उड़द की दाल का एमएसपी भी 400 रुपये बढ़ाकर 7,800 रुपये किया गया है। मूंग दाल की एमएसपी 86 रुपये की बढ़ोतरी के साथ 8,768 की गई है। खरीफ फसलों के लिए यह बड़ी बढ़ोतरी किसानों के लिए राहत है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि बीते 11 सालों में मोदी सरकार ने तिलहन, दलहन और कपास की एमएसपी में करीब 50 फीसदी तक का इजाफा किया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार किसानों की आय को दोगुना करने के लिए लगातार कदम उठा रही है।
किसानों के लिए एक फैसला और हुआ है। किसानों को क्रेडिट कार्ड पर 4 फीसदी की ब्याज दर पर लोन मिलेगा। इसके अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। आंध्रप्रदेश में बड़वेल नेल्लौर 4 लाइन हाइवे को मंजूरी मिली है। इसके साथ ही रतलाम से नागदा रेलवे लाइन को 4 लाइनिंग करने का निर्णय हुआ है। गौरतलब है कि मोदी सरकार से लगातार किसानों की मांग रही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी तय की जाए और इसके लिए कानून बनना चाहिए। सरकार ने इस पर कोई ठोस गारंटी नहीं दी है, लेकिन उसका कहना है कि एमएसपी में लगातार इजाफा किया जा रहा है।
मंत्री ने बताया कि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए संशोधित ब्याज अनुदान योजना (एमआईएसएस) के अंतर्गत ब्याज अनुदान (आईएस) घटक को जारी रखने को मंजूरी दी तथा आवश्यक निधि व्यवस्था को मंजूरी दी हैं।
बता दें कि एमआईएसएस एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसका उद्देश्य किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से किसानों को किफायती ब्याज दर पर अल्पकालिक ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
इस योजना के तहत किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के माध्यम से 7% की रियायती ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक ऋण प्राप्त हुए, जिसमें पात्र ऋण देने वाली संस्थाओं को 1.5% ब्याज अनुदान प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त, ऋण का समय पर भुगतान करने वाले किसान शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (पीआरआई) के रूप में 3% तक के प्रोत्साहन के पात्र हैं, जिससे केसीसी ऋण पर उनकी ब्याज दर प्रभावी रूप से 4% हो जाती है।
बता दें कि देश में 7.75 करोड़ से अधिक केसीसी खाते हैं. इस सहायता को जारी रखना कृषि के लिए संस्थागत ऋण के प्रवाह को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, जो उत्पादकता बढ़ाने और छोटे और सीमांत किसानों के लिए वित्तीय समावेशन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
कैबिनेट की बैठक में कई हाइवे को मंजूरी दी गई है। अश्विनी वैष्णव ने बताया किआंध्र प्रदेश के कृष्णापट्टनम पोर्ट तक जाने के लिए 4 लेन हाइवे की मंजूरी दी गगई है। इसके साथ ही बाडवेल से नेल्लौर तक नया हाइवे बनेगा। रतलाम से नागदा रेलवे को 4 लाइनिंग करने की मंजूरी दी गई है। 41 किलोमीटर के इस लाइन के लिए 1018 करोड़ की मंजूरी दी गई है। इसके साथ ही मुंबई से दिल्ली कॉरिडोर की कैपेसिटी बढ़ेगी।
रेल लाइन क्षमता बढ़ाने के लिए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज भारतीय रेलवे में दो मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी, ताकि यात्रियों और माल दोनों का निर्बाध और तेज़ परिवहन सुनिश्चित किया जा सके.रतलाम-नागदा तीसरी और चौथी लाइन औरवर्धा-बल्हारशाह चौथी लाइन को मंजूरी दी गई।
परियोजनाओं की कुल अनुमानित लागत 3,399 करोड़ रुपये (लगभग) है और इसे 2029-30 तक पूरा कर लिया जाएगा. ये परियोजनाएं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम हैं, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुई हैं और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेंगी।
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश राज्यों के चार जिलों को कवर करने वाली दो परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 176 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी। प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से कनेक्टिविटी लगभग बढ़ जाएगी। 784 गांव, जिनकी जनसंख्या लगभग 19.74 लाख है।

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