इंदौर: इंदौर नगर निगम द्वारा पहली बार अपनी जमीन पर स्कूल निर्माण की ऐतिहासिक शुरुआत की गई। इस अवसर पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, “इंदौर नगर निगम का दायित्व रहा है कि स्कूलों का मेंटेनेंस और जीर्णोद्धार किया जाए, लेकिन यह पहला मौका है जब निगम खुद की जमीन पर एक नया स्कूल बना रहा है।” उन्होंने कहा कि अब तक निगम पुराने स्कूलों की मरम्मत या कक्षाओं के निर्माण तक सीमित था, लेकिन शिक्षा और स्वास्थ्य को गरीब और जरूरतमंद तक पहुंचाने के लिए यह बड़ा कदम उठाया गया है।
महापौर भार्गव ने कहा कि इंदौर नगर निगम का लक्ष्य है कि यह स्कूल समय पर बनकर तैयार हो और इसमें प्राइवेट स्कूल की तरह आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। स्कूल में स्मार्ट क्लास, एलईडी स्क्रीन जैसी सुविधाएं दी जाएंगी, ताकि छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा मिल सके। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों क्षेत्रों में गरीबों और जरूरतमंदों तक बेहतर सुविधाएं पहुंचें।”
महापौर ने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी निगम ने कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। अब तक 65 संजीवनी केंद्र खोले जा चुके हैं, जहां 200 प्रकार की दवाएं निशुल्क दी जा रही हैं। जल्द ही वार्ड 85 और वार्ड 71/72 में नए स्वास्थ्य केंद्रों का उद्घाटन किया जाएगा।
महापौर ने बताया कि वार्ड 84 के विकास कार्यों के लिए अब तक करोड़ों रुपये की लागत से कई योजनाएं पूरी की गई हैं। इस नए स्कूल के लिए भी लगभग 3 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण कार्य शुरू किया गया है। इसके साथ ही क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या, ड्रेनेज का समाधान भी किया जा रहा है। सिरपुर में एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण कर वार्ड 84 और 85 के ड्रेनेज की समस्या को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
पानी की समस्या को हल करने के लिए नर्मदा परियोजना के चौथे चरण का काम जल्द शुरू होगा। महापौर ने कहा कि सड़क नेटवर्क के विस्तार पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। संत सेवा लाल ब्रिज से लेकर चंदन नगर से एयरपोर्ट तक सड़क निर्माण, धार रोड से लाबरिया भेरू जाने वाली सड़क पर ब्रिज निर्माण और कई अन्य परियोजनाएं पश्चिम क्षेत्र की यातायात समस्या को हल करने में मदद करेंगी।
महापौर ने कहा, “इंदौर टेम्पो का शहर था, अब मेट्रो का शहर बन गया है। आगामी 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेट्रो का उद्घाटन करेंगे।” उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने घरों की छतों पर सोलर सिस्टम लगवाएं, जिससे ऊर्जा बचत हो सके।
महापौर ने बताया कि यह स्कूल न केवल शिक्षा का केंद्र होगा, बल्कि स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षाओं के अनुरूप बच्चों को संस्कार और संस्कृति की शिक्षा भी दी जाएगी। जिला शिक्षा अधिकारी से विशेष अनुरोध किया गया है कि स्कूल में संस्कृत शिक्षा को अनिवार्य विषय के रूप में शामिल किया जाए। इंदौर नगर निगम की यह पहल शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगी।

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