इंदौर: इंदौर नगर निगम के स्वच्छता और नवाचार मॉडल को देखने-समझने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ से दो दिवसीय दौरे पर इंदौर आए अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के एक उच्च स्तरीय दल ने शुक्रवार को शहर का दौरा किया। इस एक दिवसीय भ्रमण के दौरान दल ने इंदौर की स्वच्छता, जनभागीदारी और स्मार्ट सिटी योजनाओं की सराहना की।
दल ने स्मार्ट सिटी कार्यालय, विभिन्न कचरा प्रबंधन स्थलों, नो-कार डे गतिविधियों, और इंदौर की इनोवेटिव परियोजनाओं की जानकारी प्राप्त की अंत में, सिटी सिटी कार्यालय पर महापौर पुष्यमित्र भार्गव से प्रतिनिधिमंडल की भेंट हुई। इस अवसर पर महापौर ने दल का पारंपरिक अंगवस्त्र और नगर निगम द्वारा प्रकाशित नागरिक पत्रिका भेंट कर स्वागत किया।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने प्रतिनिधियों को बताया कि इंदौर की सफलता का मूल मंत्र है — जनभागीदारी, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के बीच समन्वय, निरंतर नवाचार और नागरिक चेतना। उन्होंने कहा कि इंदौर में न केवल औद्योगिक एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की आधुनिक व्यवस्थाएं हैं, बल्कि पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के दिशानिर्देशों को भी कड़ाई से लागू किया गया है। महापौर ने जानकारी दी कि इन उपायों के चलते इंदौर की AQI में 60% तक की गिरावट आई है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सीईओ दिव्यांक सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि किस प्रकार इवैलुएटिव मैकेनिज्म, रिसोर्स मैनेजमेंट, और नवाचार के माध्यम से इंदौर ने लगातार सात बार स्वच्छता में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने “नो कार डे”, “भट्टी फ्री मार्केट”, वेस्ट मैनेजमेंट “डिजिटल ट्रैकिंग”, ग्रीन इंदौर, सोलर और मशीनरी आधारित कचरा संग्रहण जैसे मॉडलों पर प्रकाश डाला।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव छत्तीसगढ़ के दल को बताया कि स्वच्छता के इस अभियान में एनजीओ और जनप्रतिनिधियों की भूमिका सेतु के समान है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इंदौर में न तो सड़कों पर नेताओं के बड़े-बड़े होर्डिंग होते हैं, न ही प्रचार पर अनावश्यक खर्च किया जाता है। उस धन का सदुपयोग स्वच्छता और नागरिक सुविधाओं में किया जाता है।
महापौर ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि नागरिकों को इलेक्ट्रिसिटी सेविंग के लिए प्रेरित कर इंदौर ने सिर्फ दो महीने में 1.5 करोड़ यूनिट बिजली की बचत की, जो लगभग 18,000 वयस्क पेड़ों के बराबर है। यह नवाचार शहर को ग्रीन एनर्जी की ओर ले जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने नगर निगम की आय बढ़ाने के उपायों और PPP मॉडल के उपयोग के बारे में भी सवाल किए। महापौर ने उत्तर देते हुए बताया कि नागरिकों को उत्कृष्ट सुविधाएं देने से टैक्स में स्वाभाविक सहयोग प्राप्त होता है। PPP मॉडल तभी सफल होता है जब वह जनहित को केंद्र में रखकर लागू किया जाए।
प्रतिनिधिमंडल द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में महापौर ने स्पष्ट किया कि महापौर की जिम्मेदारियां सबसे व्यापक होती हैं — विशेष रूप में अपने दिन चर्चा में हर सप्ताह कम से कम तीन वार्डों का दौरा, इसके अलावा आमजन से संवाद, प्रशासनिक समीक्षा बैठकें, डिजिटलाइजेशन और सोलर सिटी के लिए नागरिक जागरूकता अभियान, ये सभी कार्य दैनिक कार्यसूची का हिस्सा हैं।
छत्तीसगढ़ से आए प्रतिनिधियों ने कहा कि इंदौर जैसे मॉडल से वे सीख लेकर अपने शहरों में भी इस तरह की योजनाएं लागू करेंगे। उन्होंने माना कि इंदौर का जनसहयोग और प्रशासनिक निष्पक्षता अन्य नगर निकायों के लिए प्रेरणा है।

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