भारत ने देश में रणनीतिक तेल भंडारण सुविधा के क्षेत्र में सउदी अरब को निवेश के लिए आमंत्रित किया है। साथ ही सरकार सउदी अरब के साथ मिलकर 44 अरब डॉलर यानी करीब 3.08 लाख करोड़ रुपये की लगात से एक नया तेल शोधन एवं पेट्रोरसायन संयंत्र स्थापित करने की परियोजना को जिवित रखने का प्रयास कर रही।
महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिल में स्थापित की जाने ली इस परियोजना के लिए वहां की सरकार तय जगह पर जमीन का प्रबंध नहीं कर सकी है। महज 3 सप्ताह में दूसरी बार भारत आए सउदी अरब के तेल मंत्री खालिद अल फालीह ने पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ तेल शोधन एवं पेट्रोरसायन परिसर के बारे में चर्चा की।
महाराष्ट्र सरकार में भाजपा की सहयोगी शिवसेना पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन के लिए हुए समझौते के तहत सरकार ने इस परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना वापस ले ली है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने रविवार को जारी एक बयान में कहा कि दोनों मंत्रियों ने भारतीय तेल एवं गैस क्षेत्र में सउदी अरब के निवेश के प्रस्तावों की समीक्षा की। इनमें करीब 44 अरब डॉलर की लागत से महाराष्ट्र में तैयार होने वाली संयुक्त पश्चिम तटीय परिशोधन एवं पेट्रोरसायन परियोजना भी शामिल रही।
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