स्वाधीनता दिवस के 71वें वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का स्मरण करते हुए कहा कि हिंसा की अपेक्षा अहिंसा की शक्ति कहीं अधिक है प्रहार करने की अपेक्षा संयम बरतना कहीं अधिक सराहनीय है और हमारे समाज में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि इस बार स्वतंत्रता दिवस के साथ एक खास बात जुड़ी है क्योंकि कुछ ही सप्ताह बाद 2 अक्टूबर से महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह शुरू होने वाले हैं उन्होंने कहा कि गांधीजी ने अहिंसा का यह अमोघ अस्त्र हमें प्रदान किया है उनकी अन्य शिक्षाओं की तरह अहिंसा का यह मंत्र भी भारत की प्राचीन परम्परा में मौजूद था और आज 21वीं सदी में भी हमारे जीवन में यह उतना ही उपयोगी और प्रासंगिक हैण्राष्ट्रपति ने कहा कि महात्मा गांधी ने केवल हमारे स्वाधीनता संग्राम का नेतृत्व ही नहीं किया था बल्कि वह हमारे नैतिक पथ प्रदर्शक भी थे और सदैव रहेंगे स्वच्छता को लेकर महात्मा गांधी का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि गांधीजी ने विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को स्वच्छता और स्वास्थ्य की शिक्षा देने पर जोर दिया उन्होंने साफ.सफाई कोए आत्म.अनुशासन और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक माना
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