नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय गान जन गण मन से जुड़े एक अहम आदेश में बुधवार को कहा कि देशभर के सभी सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रीय गान ज़रूर बजेगा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय गान बजते समय सिनेमाहॉल के पर्दे पर राष्ट्रीय ध्वज दिखाया जाना भी अनिवार्य होगा, और सिनेमाघर में मौजूद सभी लोगों को राष्ट्रीय गान के सम्मान में खड़ा होना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय गान राष्ट्रीय पहचान, राष्ट्रीय एकता और संवैधानिक देशभक्ति से जुड़ा है। कोर्ट के आदेश के अनुसार ध्यान रखा जाए कि किसी भी व्यावसायिक हित में राष्ट्रीय गान का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। इसके अलावा किसी भी तरह की गतिविधि में ड्रामा क्रिएट करने के लिए भी राष्ट्रीय गान का इस्तेमाल नहीं होगा, तथा राष्ट्रीय गान को वैरायटी सॉन्ग के तौर पर भी नहीं गाया जाएगा।
श्याम नारायण चौकसे की याचिका में कहा गया था कि किसी भी व्यावसायिक गतिविधि के लिए राष्ट्रीय गान के चलन पर रोक लगाई जानी चाहिए और एंटरटेनमेंट शो में ड्रामा क्रिएट करने के लिए राष्ट्रीय गान को इस्तेमाल न किया जाए। याचिका में यह भी कहा गया था कि एक बार शुरू होने पर राष्ट्रीय गान को अंत तक गाया जाना चाहिए, और बीच में बंद नहीं किया जाना चाहिए।
याचिका में कोर्ट से यह आदेश देने का आग्रह भी किया गया था कि राष्ट्रीय गान को ऐसे लोगों के बीच न गाया जाए, जो इसे नहीं समझते। इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय गान की धुन बदलकर किसी ओर तरीके से गाने की इजाज़त नहीं मिलनी चाहिए।
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